इंदौर शहर की वैज्ञानिक प्रतिभा ने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी उत्कृष्टता साबित की है। स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी (अमरीका) और एल्सेवियर पब्लिकेशन द्वारा जारी ‘वर्ल्ड टॉप 2% साइंटिस्ट्स’ की सूची में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय और यूजीसी-डीएई कंसोर्टियम फॉर साइंटिफिक रिसर्च के तीन वैज्ञानिकों को जगह मिली है।
सूची में लाइफ साइंस विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. अंजना जाजू, स्कूल ऑफ फार्मेसी के डॉ. मुकेश चंद्र शर्मा और यूजीसी डीएई संकुल के निदेशक डॉ. वसंत साठे शामिल हैं। तीनों वैज्ञानिकों को यह समान उनके प्रभावशाली शोध, वैज्ञानिक योगदान और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रकाशित रिसर्च पेपर्स के लिए मिला है।
डॉ. वसंत साठे: रमन स्पेक्ट्रोस्कोपी में नई खोज
डीएवीवी के तक्षशिला परिसर में यूजीसी-डीएई वैज्ञानिक अनुसंधान संकुल के निदेशक डॉ. वसंत साठे को लगातार दूसरे वर्ष सूची में स्थान मिला है। वे रामन स्पेक्ट्रोस्कोपी आधारित शोध के लिए जाने जाते हैं।
डॉ. अंजना जाजू: पर्यावरणीय चुनौतियों पर कर रहीं काम
डॉ. अंजना जाजू लगातार छठे वर्ष सूची में स्थान बनाए हुए हैं। वे पौधों की जीवनशैली, जल संरक्षण और पर्यावरणीय चुनौतियों पर शोध कर रही हैं। उनका प्रमुख कार्य कम पानी में मक्का और गेहूं की खेती संभव बनाना है। वे सूक्ष्म जीवों द्वारा माइक्रोप्लास्टिक के विघटन पर भी अध्ययन कर रही हैं।
डॉ. मुकेश चंद्र शर्मा: दवा निर्माण और नैनो मटेरियल शोध
डीएवीवी के स्कूल ऑफ फार्मेसी में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. मुकेश चंद्र शर्मा को ‘क्लीनिकल मेडिसिन, फार्मेसी और फार्माकोलॉजी’ क्षेत्र में उनके योगदान के लिए लगातार चौथी बार यह समान मिला है। उनका शोध ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, कैंसर, नैनो मटेरियल और ड्रग डिजाइनिंग पर केंद्रित है।